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मनरेगा का नाम बदलने के खिलाफ कांग्रेस का प्रदर्शन, गांधी सम्मान से जोड़कर जताया विरोध,निर्णय वापस लेने की मांग की

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मनरेगा का नाम बदलने के खिलाफ कांग्रेस का प्रदर्शन, गांधी सम्मान से जोड़कर जताया विरोध,निर्णय वापस लेने की मांग की

केंद्र सरकार ने इस बिल के जरिए करोड़ों मजदूरों के अधिकारों पर डाका डाला है “राजनारायण सिंह”

मनरेगा से राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का नाम हटाना उनके सम्मान पर सीधा आघात है ” डॉ मुनीश मिश्रा”
खंडवा/
मनरेगा का नाम बदलने के केंद्र सरकार के फैसले के विरोध में रविवार को दोपहर दो बजे कांग्रेस ने नगर निगम तिराहे पर महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने धरना प्रदर्शन किया। इस दौरान कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं ने केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए निर्णय को वापस लेने की मांग की।इस आंदोलन में महात्मा गांधी के वेशभूषा में रामकृष्णगंज वार्ड कांग्रेस पार्षद प्रतिभा कसेरा के ससुर चंद्रकुमार कसेरा जी मौजूद थे।
इस अवसर पर वरिष्ठ कांग्रेस नेता एवं पूर्व विधायक राजनारायण सिंह ने कहा कि इस सरकार में बैठे लोगों को गांधी से डर लगता है,उस सोच से डर लगता हैजो भूखे को झुकने नहीं देती।इसलिए कभी पाठ्यक्रम बदलते हैं,कभी योजनाओं के नाम,कभी इतिहास को।इन्हें साफ़-साफ़ समझ लेना चाहिए -गांधी कोई बोर्ड पर लिखा नाम नहीं है,
गांधी खेत में खड़ा वो मज़दूर है जो काम माँगते हुए आँखों में आँख डालकर बोलता है। केंद्र सरकार ने इस बिल के जरिए करोड़ों मजदूरों के अधिकारों पर डाका डाला है।
यह देश के गाँव, गरीब और मजदूर पर हमला है, उनके हक़ों की हत्या है।मगर यह देश झुकेगा नहीं, इन फासीवादियों से लड़ेगा।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता डॉ मुनीश मिश्रा ने कहा कि मनरेगा से राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का नाम हटाना उनके सम्मान पर सीधा आघात है। कांग्रेस पार्टी इसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ कांग्रेस का नहीं, बल्कि देश के हर नागरिक के सम्मान से जुड़ा मामला है। सरकार को नाम बदलने की राजनीति छोड़कर इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि आज भी मनरेगा के तहत मजदूरों को समय पर भुगतान नहीं मिल पा रहा है।
जिला कांग्रेस अध्यक्ष (ग्रामीण) उत्तमपाल सिंह ने भाजपा पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम वर्ष 2005 से लगातार 20 वर्षों से देश के ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबों, आदिवासियों और मजदूर वर्ग को रोजगार उपलब्ध करा रहा है। यह योजना सिर्फ रोजगार देने तक सीमित नहीं रही, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था की मजबूत रीढ़ बन चुकी है।उन्होंने कहा कि भाजपा ने स्वयं 11 वर्षों तक इस योजना का लाभ उठाया है, इसके बावजूद अब इसका नाम बदलने का फैसला समझ से परे है।
जिला कांग्रेस अध्यक्ष (शहर)प्रतिभा रघुवंशी ने कहा कि
नरेंद्र मोदी ने MGNREGA से ना सिर्फ़ महात्मा गांधी का नाम हटाया बल्कि मज़दूरों से काम की गारंटी भी छीन ली…प्रभु राम का नाम आस्था, विश्वास, मर्यादा का पर्याय है. वह करोड़ों के आराध्य हैं, किसी सरकारी योजना के अंग्रेज़ी के कुछ अक्षरों का लघु समूह R-A-M नहीं. राम का नाम लेकर गरीब के साथ षड्यंत्र करना पाप है, क्योंकि राम राज्य तो सभी को समान अधिकार, गरीबों की भलाई और पीड़ा से मुक्त समाज की परिकल्पना है – राम राज्य में तो न्याय और अधिकार सुनिश्चित किए जाते हैं, छीने नहीं जाते।
जिला कांग्रेस कमेटी के पूर्व प्रवक्ता प्रेमांशु जैन ने कहा कि भगवान राम देशवासियों की आस्था के केंद्र हैं, लेकिन उनके नाम पर महात्मा गांधी के योगदान को मिटाना न तो उचित है और न ही स्वीकार्य। कांग्रेस पार्टी का मानना है कि यह फैसला राजनीतिक संकीर्णता और वैचारिक द्वेष से प्रेरित है। जनता आने वाले समय में इसका जवाब जरूर देगी इस अवसर पर कैलाश हरि पटेल,विकास व्यास,दीपक मुल्लू राठौर,प्रेमांशु जैन,शेख फरीद,मनोज मंडलोई,शब्बीर कादरी,आसिम पटेल,रमेश गुरबानी,यशवंत सिलावट,शहजाद पवार,धर्मेन्द्र साकल्ले,मेहमूद खान,डॉ चैनसिंह वर्मा,अब्दुल कादर,सागर पवार,नूरजहाँ बी,रूपा कास्डे,राम वर्मा,भुवनेश जोशी,गणेश सकरगाये,वामनराव जाधव,राहुल कनाडे,इमरान गौरी,शेख रेहान,शराफत खान,अरुण यादव पाडल्या,अनिल जाधव,मुन्नू बाउजी,हन्नान खोकर,अयान,राहुल वाघ,योगेश जांगिड़,नासिर खान,वकील नीलकंठ ,वाहिद मंसूरी,सहित अन्य कांग्रेसजन मौजूद थे।

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